सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार (5 फरवरी) को अविवाहित महिलाओं को सरोगेसी की अनुमति देने से जुड़ी एक याचिका पर सुनवाई के दौरान सख्त टिप्पणी की. कोर्ट ने इसकी अनुमति देने में आपत्ति जताते हुए कहा, "देश में विवाह संस्था की रक्षा और उसका संरक्षण किया जाना चाहिए. हम पश्चिमी देशों की तर्ज पर नहीं चल सकते जहां शादी के बिना बच्चे पैदा करना असामान्य बात नहीं है."
सर्वोच्च अदालत की यह टिप्पणी 44 साल की एक अविवाहित महिला की याचिका पर सुनवाई के दौरान आई. चूंकि, भारत में शादी के बिना सरोगेसी की अनुमति नहीं है और इस मामले में महिला ने सरोगेसी के जरिए मां बनने की अनुमति मांगने के लिए अदालत का दरवाजा खटखटाया था.
सर्वोच्च अदालत की यह टिप्पणी 44 साल की एक अविवाहित महिला की याचिका पर सुनवाई के दौरान आई. चूंकि, भारत में शादी के बिना सरोगेसी की अनुमति नहीं है और इस मामले में महिला ने सरोगेसी के जरिए मां बनने की अनुमति मांगने के लिए अदालत का दरवाजा खटखटाया था.
