मुझे घनघोर अदावत और चिढ़ है हमारे देश समाज के आज की व्यवस्था से।
अंग्रेजों के गए 75 वर्ष हो गए हैं लेकिन हमारे देश और समाज में आज भी जो अंग्रेजी बोलता है उसे लोग ईमानदार, रसूखदार और इज्जतदार समझते हैं। ज्ञान के नजरिए से दुनिया की आप हर भाषा सीखे इसमें कोई दिक्कत नही लेकिन हमारी अपनी संस्कृति और भाषा का क्या होगा जब हम ही इज्जत नहीं करेंगे तो? हम सभी भारतवंशी हैं क्योंकि हमारा आर्यव्रत भगवान श्री कृष्ण के महान चंद्रवंशी पूर्वज शकुंतलानंदन सम्राट भरत के नाम पर भारतवर्ष कहलाया। कुछ 300 साल पहले लाल मूंह वाले कुछ अंग्रेज आए जो इस देश के लोगों को गुलाम बना गए और 75 वर्ष पूर्व जब गए तो गुलामी की ऐस
अंग्रेजों के गए 75 वर्ष हो गए हैं लेकिन हमारे देश और समाज में आज भी जो अंग्रेजी बोलता है उसे लोग ईमानदार, रसूखदार और इज्जतदार समझते हैं। ज्ञान के नजरिए से दुनिया की आप हर भाषा सीखे इसमें कोई दिक्कत नही लेकिन हमारी अपनी संस्कृति और भाषा का क्या होगा जब हम ही इज्जत नहीं करेंगे तो? हम सभी भारतवंशी हैं क्योंकि हमारा आर्यव्रत भगवान श्री कृष्ण के महान चंद्रवंशी पूर्वज शकुंतलानंदन सम्राट भरत के नाम पर भारतवर्ष कहलाया। कुछ 300 साल पहले लाल मूंह वाले कुछ अंग्रेज आए जो इस देश के लोगों को गुलाम बना गए और 75 वर्ष पूर्व जब गए तो गुलामी की ऐस
