mrvkjaat7545
2 yr. ago
चलो इक बार फिर से अजनबी बन जाएँ हम दोनों

न मैं तुम से कोई उम्मीद रखूँ दिल-नवाज़ी की

न तुम मेरी तरफ़ देखो ग़लत-अंदाज़ नज़रों से

न मेरे दिल की धड़कन लड़खड़ाए मेरी बातों से

न ज़ाहिर हो तुम्हारी कश्मकश का राज़ नज़रों से

चलो एक बार फिर अजनबी बन जाएं हम दोनों,,,,