3 yr. ago
3 yr. ago
My small brother मैं हमदर्दी की ख़ैरातों के सिक्के मोड़ देता हूँ,
जिस पर बोझ बन जाउँ, उसे मैं ख़ुद ही छोड़ देता हूँ।
जिस पर बोझ बन जाउँ, उसे मैं ख़ुद ही छोड़ देता हूँ।
