3 yr. ago
#छठ_महापर्व ही एक ऐसी #पूजा है, जिसमें कोई पंडित पुजारी की आवश्यकता नहीं होती,
जिसमें देवता प्रत्यक्ष रूप से दर्शन देते हैं और डुबते सूर्य को भी पूजते हैं,
जिसमें व्रती जाति समुदाय से परे होते है,
जिसमें केवल लोक गीत गाए जाते हैं,
जिसमें पकवान घर पर ही बनते हैं,
जिसमें घाटों पर कोई ऊँच नीच का भेदभाव नहीं होता है, जिसमें प्रसाद अमीर गरीब सभी श्रद्धा से ग्रहण करते हैं।
ऐसे सामाजिक सौहार्द, सद्भाव, शांति, समृद्धि और सादगी के महापर्व छठ की आप सभी को हार्दिक शुभकामनाएं।🙏🌹🙏🚩
#जय_छठी_मईया ChhathPuja2022
जिसमें देवता प्रत्यक्ष रूप से दर्शन देते हैं और डुबते सूर्य को भी पूजते हैं,
जिसमें व्रती जाति समुदाय से परे होते है,
जिसमें केवल लोक गीत गाए जाते हैं,
जिसमें पकवान घर पर ही बनते हैं,
जिसमें घाटों पर कोई ऊँच नीच का भेदभाव नहीं होता है, जिसमें प्रसाद अमीर गरीब सभी श्रद्धा से ग्रहण करते हैं।
ऐसे सामाजिक सौहार्द, सद्भाव, शांति, समृद्धि और सादगी के महापर्व छठ की आप सभी को हार्दिक शुभकामनाएं।🙏🌹🙏🚩
#जय_छठी_मईया ChhathPuja2022
